
दुद्धी सोनभद्र (राकेश कुमार कन्नौजिया)_
रेलवे बोर्ड द्वारा धनबाद से भोपाल तक नई ट्रेन के परिचालन की स्वीकृति मिलते ही दुद्धी और विंढमगंज क्षेत्र के लोगों की उम्मीदें जगी थीं, लेकिन ठहराव सूची सामने आते ही यह उम्मीद आक्रोश में बदल गई। दोनों ही महत्वपूर्ण स्टेशनों को एक बार फिर नजरअंदाज किए जाने से क्षेत्रभर में रोष और नाराजगी का माहौल है।
दुद्धी तहसील क्षेत्र प्रशासनिक, शैक्षणिक और व्यावसायिक दृष्टि से सोनभद्र जनपद का अहम केंद्र है। यहां तहसील, कचहरी, ब्लॉक कार्यालय, महाविद्यालय, नगरपालिका सहित अनेक आवश्यक संस्थान संचालित हैं। इसके बावजूद दुद्धी को लगातार नई ट्रेनों के ठहराव से वंचित रखा जाना रेलवे की नीति पर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुविधाओं और यात्रियों की संख्या के बावजूद दुद्धी की अनदेखी अन्यायपूर्ण है।
उधर झारखंड–उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित विंढमगंज रेलवे स्टेशन सैकड़ों गांवों की जीवनरेखा माना जाता है। यह स्टेशन दो राज्यों के हजारों यात्रियों का प्रमुख आवागमन केंद्र है। वर्षों से यहां प्रमुख ट्रेनों के ठहराव की मांग उठती रही है। बीते वर्ष रेल रोको संघर्ष समिति के नेतृत्व में हुए ऐतिहासिक धरना-प्रदर्शन के दौरान रेलवे प्रशासन ने ठहराव का भरोसा दिलाया था, लेकिन आज तक केवल सिंगरौली–पटना ट्रेन का ही ठहराव सुनिश्चित हो पाया है।
क्षेत्रवासियों का आरोप है कि रेलवे बार-बार सिर्फ आश्वासन देकर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है। ट्रेनों का ठहराव न होने से छात्रों को पढ़ाई, मरीजों को इलाज, कर्मचारियों को नौकरी और व्यापारियों को कारोबार के लिए दूर-दराज के स्टेशनों पर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की भारी क्षति हो रही है।
इस मुद्दे को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने एक स्वर में चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही दुद्धी और विंढमगंज में नई ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित नहीं किया गया, तो क्षेत्र में बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। जनता अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि अधिकार चाहती है और निर्णायक संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार दिखाई दे रही है।


